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सुदोइ लै आँखा अनमनाट ! (डोटेली गद्य कविता)

२५ चैत्र २०७७, बुधबार
सुदोइ लै आँखा अनमनाट ! (डोटेली गद्य कविता)

भोक लाग्या वाला भोका जसा नाइथिन
खायाका वाला भोका जसा छन
उनिला जसा निकाइ छन ,सिया का वाला उङ्दा छन
होइ रयो केइ नाइ पुइ लै क्याइ होइरैहो हड भरी झनझनाट???
यां के होइरैछ? कसो होइरैछ ? सुदोइ लै आँखा अनमनाट

थाकेका वाला अराम गरेका जसा
आराम गरेका वाला थाकेका जसा
मौ जौ भएका वाला मौ नभएका जसा
अपुताली वाला मौ भएका जसा
होइ रयो केइ नाइ पुइ लै क्याइ होइरैहो हड भरी झनझनाट???
यां के होइरैछ? कसो होइरैछ ? सुदोइ लै आँखा अनमनाट

नौकरी वाला केइ नभया असन्तुष्ट जसा
घरैमा बस्या का वाला चमचमना सन्तुष्ट जसा
ब्या गरेका कोइ कोइ गमगमना भया जसा
ब्या नगरेका हिट्या का डुल्याका मत्त्ता हात्ती जसा
होइ रयो केइ नाइ पुइ लै क्याइ होइरैहो हड भरी झनझनाट???
यां के होइरैछ? कसो होइरैछ ? सुदोइ लै आँखा अनमनाट

नेता जनता जसा , जनता नेता जसा
आयाका गयाका जसा , गयाका आयाका जसा
निको बोल्ल्या गट्टा जसा , गट्टो बोल्ल्या निका जसा
इजा बुवा दुस्मन जसा, भाइर का मान्स आफना जसा
होइ रयो केइ नाइ पुइ लै क्याइ होइरैहो हड भरी झनझनाट???
यां के होइरैछ? कसो होइरैछ ? सुदोइ लै आँखा अनमनाट

चोर साधु जसा , साधु चोर जसा
हास्या का मान्स रोएको जसा , रोयाका भित्र हास्या जसा
दवाइ बिकामिला जसि , बिमार कोरोना जसा
होइ रयो केइ नाइ पुइ लै क्याइ होइरैहो हड भरी झनझनाट???
यां के होइरैछ? कसो होइरैछ ? सुदोइ लै आँखा अनमनाट

राहत नपाउनु पड्ड्यावाला लाइन मा छन
राहात पाउनु पड्ड्या वाला आयाइ नाइ
लडाइ जै ले लड्डु थ्यो उन ध्यान योग मा छन
लडाइ उन गद्दार्यान जो सुदोइ जाइ लाग्या
होइ रयो केइ नाइ पुइ लै क्याइ होइरैहो हड भरी झनझनाट???
यां के होइरैछ? कसो होइरैछ ? सुदोइ लै आँखा अनमनाट

शिवराज कलौनी
भिमदत्त न पा ३ कंचनपुर

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